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सुश्रुत अनुसार कर्णसंधान के कितने भेद साध्य है ?
According to Sushrut , how many types of Sadhya karnasandhan are mentioned ?
पित्तजन्य शोफ के आलेप में स्नेह का कितना भाग प्रयोग करना चाहिए ।
In ālepa of pittajanya shopha , how much part of sneha should be used ?
व्रणित को शय्या में शिर किस दिशा में रखना चाहिए?
In which direction a person with wound should keep his head
कौन सा कर्णपालि का उपद्रव स्वरूप रोग अत्यंत कण्डुयुक्त होता है
Complication of which karnapāli leads to disease with extreme itching ?
व्रणबन्धन निषिद्ध है
Vrana bandhana is contraindicated in
“मारुत: स्निग्धो मृदुर्मधुर एव च” किस दिशा की वायु के बारे में कहा गया है ?
“Mārutah snigdho mridurmadhura eva cha” has been said for the vāyu of which direction
“तनुविषमअल्पपालि” है –
“Tanuvishamalpapali” is –
“शीतस्तनुरविशोषी” क्या है
What is “Shītastanurvishoshi”
मारुतस्तीक्ष्ण: कफमेदोविशोषण” किस दिशा की वायु के सन्दर्भ में कहा गया है ?
“Mārutastīkshanah kaphamedovishodhana” has been said in context of vāyu of which direction
सम्यक् कर्णविद्ध होने पर किस तैल से परिषेक करते है ?
Which taila is used in the form of parishek after proper karnaviddha ?
व्रण से पूय किस प्रकार निकालना चाहिए
How pus should come out of a wound
वाराह की चर्बी में भूनी हुई बलाका को नारिकेल के साथ अग्नि में पकाकर खाना किस प्रकार का विरुद्ध है
Balākā that is roasted in fat of varāha and cooked with coconut on fire is which type of viruddha
मृदु, अनवस्थित, तोदादि ………. शोथ का लक्षण है |
Mridu, anavasthita, todādi are the symptoms of…….. shopha
हनुशंखगंडेशु ………………..
Hanushamkhagandeshu……….
तिक्त और कषाय रस है
Tikt and kashāya rasa are
पक्वव्रणशोथ का विशिष्ट लक्षण है –
Vishishta lakshana of Pakva vrana shotha are
अविद्गध शोफ में हितकर होता है
What is beneficial in avidagdha shopha
ग्रीष्म ऋतु में शहद का सेवन करना किस प्रकार का विरुद्ध है
Which type of viruddha is consumption of honey in Grīshma ritu
वलीप्रादुर्भाव किसका लक्षण है
Valīprādurbhāva is the symptom of
निम्न में से व्रणबन्धन के द्रव्य कौन से हैं
Which of the following are dravya of vrana bandhana
तिक्त और कषाय रस हैं
Tikta and kashāya rasa are
वेदना की शांति’ यह लक्षण किस शोफावस्था का है
“Vedanā shanti” is symptom of which shophāvasthā
रक्तपित्त प्रधान शोथ का शमन करता है (सुश्रुत)
What subsides raktapitta pradhāna shotha according to Sushruta
क्षय से पीड़ित मनुष्यों के लिए किस दिशा की वायु हितकर होती है
Vāyu of which direction is beneficial in humans suffering from Kshaya
वस्ताविवोदकसरणम् पूयस्य’ किस शोफ का लक्षण है
“VastāvivodakaSaranam puyasya” is the symptom of which shopha
किस व्रण में बन्ध बाँधना निषिद्ध है
Bandage is contraindicated in which wounds(vrana)
मधुर और अम्ल…… में परस्पर विरुद्ध हैं
Madhura and amla… are paraspara viruddha in
“सोच्छवास: ……… स्मृतः |” किस बंध के सन्दर्भ में कहा गया है ?
Sochchavāsah……….. smritah. This has been said in context of which bandha
हाथ,पैर व उदर में कैसा बन्ध बांधना चाहिए
What type of bandage should be tied on hands, feet and abdomen
सरसों के तैल में कपोत मांस भूनकर खाना है
Cooking pegion meat in mustard oil is
मर्म स्थानों पर तथा गुह्य स्थानों पर जो रोग होते है उनकी शुद्धि या शमन हेतु किस लेप का प्रयोग निर्दिष्ट है ?
What lepa is.used for shuddhi or shamana in diseases of marma and guhya sthānā
स्फिग,कुक्षि,कक्षा में कौन सा बन्ध बांधना चाहिए
What bandage should be tied on Sphiga, Kukshi and Kakshā
“गुरुविदाहजननो” किस दिशा की वायु का कर्म है
“Guru Vidāha Janano” is the karma of vāyu of which direction
“निर्मास संक्षिप्ताग्र अल्पशोणित पालि ……….|”
“Nirmaans sankshiptagra alpashonita pali ……..|”
कफजन्य शोफ के आलेप में स्नेह का कितना भाग प्रयोग करना चाहिए ?
What part of sneha is used for Ālepa in kaphajanya shopha
सुश्रुत संहिता में “वनं केशरिणाSSक्रान्तं वर्जयन्ति मृगा इव” किस अध्याय का संदर्भ है ?
“Vanam kesharinā ākrāntam varjayanti mrigā iva” find the reference in Sushruta Samhita
“ग्रथितमांस स्तब्धसिरा सन्तत सूक्षमपालि ………. |”
“Grathita maansam stabdhasira santat sukshamapali ………”
यदि बन्धन अनुकूल बाँधा जाये तो क्या लक्षण दिखाई देंगे ?
What ymptoms appear when bandhana is tied appropriately
व्रणित को धूपन देने हेतु किन द्रव्यों का प्रयोग करना चाहिए ?
What dravyas should be used for administering dhupana in vranita
“वृत्त आयत सम उभय पालि” इस अवस्था में निम्न में से कौनसी संधान विधि उपयुक्त है ?
“Vrutta aayat sama ubhaya pali” in this condition which sandhan vidhi is used ?
पित्तज एवं रक्तज व्रण में जहाँ गाढ़ बंध लगाना हो , वहाँ पर कौनसा बंध बाँधना चाहिए ?
How should bandage be tied for pittaja and raktaja vrana where Gādha bandha is used
व्रणित द्वारा दिवास्वप्न करने से व्रण में होता है
What happens in vrana if the wounded patient sleeps in day time
कर्ण संधान स्थल पर लेप लगाने के पश्चात् किसका चूर्ण छिड़कने का निर्देश मिलता है ?
At the site of karna sandhāna, after putting the lepa which churna is used to sprinkle over that place
आलेप का प्रयोग निषिद्ध है
Ālepa is contraindicated in
सुश्रुत के अनुसार व्रणित का सिर किस दिशा में होना चाहिए
According to Sushruta, what should be direction of head of vranita purusha
जिस कर्णपालि का एक भाग नष्ट हो तथा दुसरा भाग भी अल्प हो उसमे कौन सा बन्ध का प्रयोग करना चाहिए
The one part of karnapālī is destroyed, and second is also small, then which type of Bandha is applied
प्रतोली बन्ध किस स्थान में बाँधना चाहिए
Where should Pratolī bandha be tied
व्रणी पुरुष के लिए हितकर है
What is beneficial for wounded person