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अभयारिष्ट में हरीतकी एवं आमलकी का क्रमशः अनुपात है – ( हरीतकी : आमलकी )
Ratio of haritaki & aamalaki in abhayarishta respectively is – ( haritaki : aamalaki )
द्वंदज, द्वितीय वली आश्रित एवं एक साल पुराने अर्श होते है –
Dwandwaja, situated in Dwitiya wali, and one year old Arshas are
दूर्वा स्वरस को शतधौत घृत के साथ गुद प्रदेश पर लेप करने से नाश होता है
Application of dūrvā svarasa with shatadhauta ghrita in the anus cures
शुष्कार्श में यदि स्तब्धता और शोफ उत्पन्न हुआ हो तो सर्वप्रथम क्या चिकित्सा करनी चाहिए ?
If stabdhata & shopha is present in shushkarsha then what treatment should be done initially ?
शेषत्वात आयुष्य, चतुष्पाद समविन्ते, दीप्तकायाग्ने रहने पर अर्श की साध्यासाध्यता होती है –
Sheshtvāta Āyushya, Chatuspāda Samanvite Dīptakāyāgne is the symptoms of which type of Arsha
चरकानुसार किस चिकित्सा उपक्रम में तक्र के 3 प्रकार वर्णित है
In which chapter of Charaka chikitshā, 3 types of Takra are described
रक्तार्श में वातानुबन्ध होने पर क्या चिकित्सा की जानी चाहिये ?
What treatment should be done in raktarsha with vatanubandha ?
सहज , त्रिदोषज व आभ्यन्तर बलाश्रित अर्श की साध्यासाध्यता होती है –
Sadhyasadhyata of sahaj, tridoshaj & abhyantar balashrit arsha is –
“दीर्घकालानुबंधीनि” कौन सा अर्श है
“Dirghakālānubandhinī” is which type of arsha
कुक्षेराटोप: है –
Kuksheratopa is –
त्रिदोषज अर्श के लक्षण किस अर्श के समान होते है ?
Symptoms of tridoshaj arsha are similar to which arsha ?
अर्श चिकित्सा में वर्णित तक्रारिष्ट का प्रयोग भोजन के किस काल में करना चाहिए ?
Trakrārishta mentioned in arsha chikitsā should be consumed at what time
चरक अनुसार सुनिषण्णक चांगेरी घृत का रोगाधिकार है ?
According to Charak, rogadhikar of sunishnanak changeri ghrut is ?
तीक्षणाग्राणी , वक्राणि , स्फुटित मुखानी किस अर्श का लक्षण है ?
Tikshanagrani, vakrani, sphutita mukhani is the symptom of which arsha ?
चरक ने अर्श के कितने भेद किये है
Types of arsha according to Charaka are
चरक अनुसार निम्न में से कौनसा एक, अर्श रोग चिकित्सा में सर्वोत्तम औषधि एवं आहार का काम करता है ?
According to Charaka, which one of the following acts as the best drug and food in Arsha
“एषाम् अग्निबले हीने वृद्धिवृद्धे परिक्षयः” किस विकार के सन्दर्भ में कहा गया है ?
“Eshaam agnibale hine vruddhivruddhe parikshaya” is said in relation with which disorder ?
“बहुव्याधिकराणि” किस रोग के सम्बन्ध में कहा गया है ?
“Bahuvyadhikarani” is said in relation with which disease ?
कुटजादि रसक्रिया में कुटजत्वक का प्रमाण है –
Quantity of kutajatwak in kutajadi rasakriya is –
अर्श में उपयोगी अरिष्ट है –
Arishta used in arsha is –
निम्न में से किस कल्प का रोगाधिकार अर्श है ?
Arsha is the rogādhikāra of which of the following kalpa ?
पित्तज दोष में किस तक्र का उपयोग करते है ?
Which takra is used in pitt dosh ?
निम्न में से किसका उपयोग अर्श में लेपनार्थ किया जाता है ?
Which of the following is used in arsha for lepan purpose ?
कनकारिष्ट का मुख्य घटक द्रव्य है –
Main content of kanakarishta is –
“वलीपलित खालित्यं दोषजं च व्यपोहती” किस अरिष्ट की फलश्रुति है ?
“Valipalit khalityam doshajam ch vyapohati” is the property of which arishta ?
सहज अर्श में किस वायु की दुष्टि होती है ?
Which vayu gets violated in sahaj arsha ?
प्रथम फलारिष्ट में हरीतकी का प्रमाण है –
Quantity of haritaki in pratham falarishta is –
चरक अनुसार ह्रीबेरादि घृत का रोगाधिकार है –
According to Charak, rogadhikar of hriberadi ghrut is –
चरक अनुसार पिच्छाबस्ति का रोगाधिकार है –
According to Charak, rogadhikar of pichchhabasti is –
शुष्कार्श में मस्सो का प्रक्षालन किससे करते है ?
Prakshālana in Shushkārsha is done with
अर्श की चिकित्सा में निम्न में से कौनसा कृष्णात्रेय कल्प वर्णीत है ?
Which krushna aatrey kalpa is mentioned in the treatment of arsha ?
रक्तार्श में कफानुबन्ध होने पर क्या चिकित्सा करनी चाहिए ?
What treatment should be done in raktarsha with kaphanubandha ?
चरक अनुसार निम्न में से कौनसा रोग गुदवलि पर आघात होने से उत्पन्न होता है ?
According to Charaka, which of the following disease occirs due to Āghāta on Gudāvali
“परम् आलसश्चेति” किस अर्श का लक्षण है ?
“Param aalashcheti” is the symptom of which arsha ?
“अग्निसन्दीपनार्थ च रक्तसंग्रहणाय च” किस रोग की चिकित्सा है ?
“Agnisandipanarth ch raktasangrahanaay ch” is the treatment of which disease ?
सर्वेषां च अर्श समधिष्ठां ………’ रिक्त स्थान की उचित पूर्ति करे।
“Sarveshām cha arsha samadhishthām…..” full in the blanks
अल्पशुक्र किस अर्श का लक्षण है ?
Alpashukra is the symptom of which arsha ?
मन्दतर अग्नि में किस तक्र का प्रयोग करते है ?
Which takra is used in mandatar agni ?
चरक संहिता अनुसार दंत्यारिष्ट का रोगाधिकार है
Rogādhikāra of dantyārishta according to Charaka?
प्राग्वातसेवा किस अर्श का हेतु है ?
Pragvataseva is the cause of which arsha ?
निम्न में से आशु चिकित्सा व्याधि है –
Which of the following disease is Āshuchikitsākārī
अर्श के पुर्वरूप में किस व्याधि के होने की आशंका रहती है
There is apprehension of which disease in premonitory symptom of arsha
“क्लैब्यकराणि” किस अर्श का लक्षण है ?
“Klaibyakarani” is the symptom of which arsha ?
अर्श चिकित्सा के सन्दर्भ में सही विकल्प चुने -“हतानि न विरोहन्ति ………. गुदजानि तु”
Select the correct option in relation to treatment of arsha – hataani na virohanti …….. gudajaani tu”
“प्रवाहिका आध्मान”किस अर्श का लक्षण है
“Pravāhikā ādhamāna” are symptoms of which arsha
विस्त्रगन्धि एवं भोजनद्वेष किस अर्श का लक्षण है ?
Vistragandhi & bhojanadwesha are symptoms of which arsha ?
अर्श में रक्तस्तम्भनार्थ किस घृत का प्रयोग निर्दिष्ट है ?
Which ghrut is used in arsha for raktastambhan purpose ?
“वातश्लेष्मविकाराणां शतं चापि निवर्तते” किसके लिए कहा गया है। चरक
“VātaShleshmaVikārānām shatam cha api nivartate” has been said for