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अतिस्थूल की चिकित्सा मे किस प्रकार का अन्नपान देना चाहिए ?
Which type of Annapāna is advisable in the treatment of Atisthūla
महादोष युक्त और मर्मस्थान गत व्याधियों की चिकित्सा है।। (चरक)
Treatment of mahādosha and marma sthānagata diseases is (Charaka)
किस रस से निर्मित मन्थ सद्य संतर्पण करता है ?
Which rasa mantha do instant Samtarpana
” सममांसप्रमाणस्तु समसंहननो नरः । ……… न बलेनाभिभूयते ” – इस श्लोक् को पूरा करे .
“Sammāmsapramānastu Samsahanano Narah| ………….Na balenābhibhūyate|| Complete the above Shloka
चरक ने लंघन के कितने भेद बताये है
Types of lamghana by Charaka
मद्य जन्य विकारों में किनसे निर्मित मन्थ सेवनीय है ?
In Madyajanya vikāras, which mantha is advised
“स्थौल्यकार्श्ये वरं कार्श्यं समोपकरणौ हितौ ” – इस श्लोक् का रेफरेन्स बताये ?
“Sthaulya kārshye Varam kārshayam Samopkaranau Hitau” is the reference of
क्रव्याद मांसरस से बृंहण किस स्थिति में करवाना चाहिए
Brimhana with kravyāda māmsa rasa should be done in
चरकानुसार नपुंसकता / क्लैब्य कौन सा रोग है ?
Napumsaktā is which disease
” तीक्ष्णाग्नित्वात् प्रभूतकोष्ठवायुत्वाच्च क्षुदतिमात्रं पिपासातियोगश्र्चेति ” – यह किस अवस्था का लक्षण है ?
“Tīkshnāgnitvāt Prabhūtakoshthavāyutvāchcha kshudatimātram Pipāsātiyogascheti” is the reference of
किस ऋतु में सर्वथा बृंहण निर्दिष्ट है
Brimhana is always indicated in which season?
” आसीनप्रचलायितम् ” – से किस दोष की वृद्वि होती है ?
“Āsīnaprachīlāyatam” leads to which Dosha accumulation
संवाहन किसकी चिकित्सा है
Samvāhana is the treatment for
मध्यबल वाले रोग में लंघन किया जाता है
How is lamghana performed in Madhyama Bala Rogi
” प्रिय दर्शनं ” – किस व्याधि की चिकित्सा है ?
“Priyadarshan” is the treatment of which disease
“स्थूलपर्वा नरो मता” लक्षण है –
“Sthūlaparvā naro matā” symptom is of –
निम्न में से लंघन द्रव्यों का गुण नही है
Which of the following is not a property of lamghana dravyas
निम्न मे से कौन से रोग अति कृश व्यक्ति को हो जाते हैं ?
Which of the following disease is more susceptible to Atikrusha
“क्षुत्पिपासासहोदये ” – किस सन्दर्भ मे आया है ?
“KshutaPipāsāSahodaye” has come in context of
क्षाराग्नि दग्ध से ग्रसित व्यक्ति है
Person suffering from Kshārāgni dagdha is
दिवास्वप्न किस अवस्था मे निषेध है
Divasvapna is contraindicated in
” स्वादुतिक्तकषाय ” – किस कर्म के द्रव्यों के गुण है ?
“SvāduTiktaKashāya” is guna of dravyās of which karma
चारकानुसार लंघन का काल क्या है
Charkanusar Langhna ka kaal kya hai –
अष्टौनिंदितीय अध्याय किस चतुष्क के अंतर्गत आता है
Ashtauninditīya adhyāya comes under which chatushka
“खलिपिण्याकतक्राणां मध्वादीनां ” – किस कर्म के द्रव्य है ?
“KhaliPinyākaTakrānām Madhvādīnām” are dravya of which karma
स्तंभनगौरवशीतघ्नम…….
“StambhanaGauravaShītaghnama……..”
” कार्यं कालो विकारश्र्च प्रकृतिवार्युरेव च ” – किसके निदान है ?
“Kāryam Kālo Vikārascha Prakruti vāyurreva cha” is the nidāna of
सात्म्य देश में रहने वाले किस जीव का मांस बृहंण कर्म मे उपयोगी है ?
Māmsa of which Jīva residing in Sātmya desha is useful in Brimhana Karma
कुष्ठादि चूर्ण मे किस एला का प्रयोग किया जाता है ?
Which type of Elā is used in Kushthādi Chūrna
” सत्वौदार्यं तमोजयः ” – यह किसकी चिकित्सा के सिद्धान्त है ?
“Satvaudāryam Tamojayah” is the line of treatment of
चरक सूत्र के 22 वें अध्याय का नाम क्या है
Name of Charaka Sutra Chapter 22 is
त्र्यूष्णादि मन्थ मे घोलने के लिए किस क्वाथ का प्रयोग किया जाता है ?
Which Kwātha is used for dissolving Trayūshnādi Mantha
किस निद्रा को कालरात्रि कहा गया है ?
Which nidrā is also known as “Kālarātri”
गति को रोकने वाला कर्म कौन सा है
Karma that stops the movement(gati)
” व्यायामनित्यो जीर्णाशी यवगोधूमभोजनः “- यह किस व्याधि का चिकित्सा सिद्धान्त है ?
“Vyāyāmanityo Jīrnāmshī Yavagodhūmabhojana” is the line of treatment of which disease
आचार्य चरक मतानुसार, क्लीबता, अज्ञान, कार्श्य – यह किससे उत्पन्न हानियां है ?
According to Charaka, Klībatā, agnāna, kārshya are the side effects of which of the following ?
चरक के अनुसार वात विकारों में लंघन किस ऋतु में कराना चाहिए
According to Āchārya charaka Lamghana should be performed in which Ritu in Vāta Vikāras
अपतर्पण होने से किस प्रदेश में शूल होता है ?
In which region pain is found due to Apatarpana
” नरो वराह इव पुष्यति “- यह किसके समबोधन मे प्रयुक्त है ?
“Naro Varāha Iva Pushyati” is said for
“दौर्बल्यं श्रोत्रनेत्रयो” किसका लक्षण है
“Daurbalyam ShrotraNetrayo” is the symptom of
चिर क्षीण रोगियों में किस मे मिश्रित सत्तू सेवन करवाना चाहिए ?
In Chronic weak (Kshīna) patients, Sattū mixed with ……… Is given
किन योगों का सेवन करने से कृश व्यक्ति क्रमशः बलवान होता है ?
Use of which of the following yogas respectively makes a person stronger
“पित्तक्षाराग्निदग्धा” हैं
“PittaKshāraAgniDagdhā” is
शनैः शनैः धातुओं के क्षीण होने से अधिक दिनों मे जो व्यक्ति क्षीण होता है उसकी चिकित्सा किस सिद्धान्त अनुसार करनी चाहिए ?
A person who becomes weak dueto Dhātus loss which is slow and persistent for many days, then the line of treatment for the same is
सदा तैल की मालिश किस अवस्था में करनी चाहिए ?
Always Oil massage is done in which stage
“विषस्वेदातियोगार्ता:” में करणीय है। (चरक)
“VishaSvedātiyogārtah” is indicated for
शर्करा , पिप्पली,घृत और तैल से निर्मित तर्पण मे उनके द्विगुण मात्रा में क्या मिलाना चाहिए ?
What is mixed in double quantity, when Tarpana is made from Sharkarā, Pippalī, Ghrita and Taila