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सुश्रुत के अनुसार श्रोणि के चारों ओर 2 अंगुल के अंतर पर सिरावेध किस व्याधि में प्रशस्त है
According to Sushruta , sirāvedha all around shroni at the distance of 2 angula is best in which disease ?
बस्ती है
Bastī is
कन्धे के बीच में सिरावेध किस व्याधि में किया जाता है
Sirā Vedha in mid of shoulder is done in which Vyādhi
“मत्स्यवत परिवर्तन्ते तस्माद्यत्नेन ताडयेत्” किसके लिए कहा गया है
“Matsyavata parivartante tasmādyatnena tādayet” is said for ?
उर्ध्व जत्रु में अवेध्य शिराओं की संख्या है
Number of avedhya sirā in urdhva jatru is –
वातशोणित में सिरावेध का स्थान है
Sirā vedha Sthāna in Vāta Shonita
क्रोष्टुकशीर्ष में सिरावेध का स्थान है
Sirā vedha Sthāna in Kroshtukashīrsha
उर्ध्वजत्रुगत सिराओं की संख्या(सुश्रुत)
Number of UrdhavaJatrugata Sirā
मांसलेष्ववकाशेषु …… शस्त्रम् निदध्यात्
Māmsaleshvavakāsheshu……… shastram nidadhyāta
जिह्वा में शिराओं की संख्या है
Total number of Shirā in Jivhā
विश्वाची में किसके समान सिरावेध करें
Sirāvedha like what should be done in Vishvāchī
जत्रु के ऊपर अवेध्य सिरायें कितनी होती हैं
How many are Avedhya Sirā above Jatru
अस्थियों के ऊपर कुठारिका शस्त्र से वेधन का परिमाण है
Parimāna of Shastra Vedhana by Kuthārikā on bones is
उदर प्रदेश में शिराओं की संख्या कितनी है
Total number of Shirā in Udara Pradesha
अपची में सिरावेध का स्थान है
Sirāvedha Sthāna in Apachī
सर्ववहा’ किसके लिए कहा गया है
“SarvaVahā has been said for
प्रतिषिद्ध सिराओं का वेधन किस अवस्था में किया जा सकता है ?
Vedhana of sirā which are prohibited should be done in which condition ?
“पद्मिनिकन्दाद्विसाचीनां यथा जलम्” यह स्वरूप किसके सन्दर्भ में आया है
“Padhminikandādvisāchīnām yathā jalam” this has come in context of
अस्थि प्रदेश मे सिरावेध का प्रमाण (सुश्रुत)
Sirā vedha Pramāna in Asthi Pradesha(Sushruta)
वातिक सिरायो की कुल संख्या कितनी होती है
How many are the Vātika Sirā
” …….. शिरा शतानि भवन्ति ।”
……… shira satani bhavanti –
सुश्रुतानुसार सिरावेध के बाद परिहार काल है
Parihāra Kāla after Sirā vedha according to Sushruta
आचार्य सुश्रुत के अनुसार,गृध्रसी रोग की चिकित्सा हेतु शिरावेध कहाँ करना चाहिए।
According to Āchārya Sushruta, Sirāvedha in Gridhrasī for its treatment should be done at
प्राणियों के प्राण कहाँ आश्रित होते है ?
Where is Prāna Āshrita in Prānis
खञ्जता में सिरावेध का स्थान है
Sirāvedha Sthāna in Khamjatā
सिरा के दुष्ट्वेध के प्रकार कितने है
Types of Dushta Vedha of Sirā are
शाखाओं में अवेध्य सिरायें कितनी होती हैं
Avedhya Sirā in Shākhā
गृध्रसी में …….के ऊपर सिरावेध करना चाहिए
In Gridhrasī, Sirāvedha above………. should be done
हेमन्त ऋतू में शिरावेध कब करना चाहिए
Shirā Vedhya in Hemanta Ritu should be done at
वैकलयम मरणं चापि व्याधातासां ध्रुवम् भवेत्’ किसके सन्दर्भ में कहा गया है
“Vaikalayama maranam chāpi vyādhātāsām dhruvam bhaveta” has been said in context of
अपस्मार में सिरावेध का स्थान है
Sirā Vedha Sthāna in Apasmāra
व्यभ्र काल में शिरावेधन किस ऋतू में करना चाहिए
In.which Ritu Shira vedhana is done in vyabhra Kāla
शल्य तन्त्र में चिकित्सार्ध है
Chikitsārdha in Shalya tantra is
दकोदर में सिरावेध का स्थान है
Sirāvedha site in Dakodara –
जिस शिरा में शस्त्र शिरा के चतुर्थ भाग को प्राप्त होता है उसे क्या कहते हैं
The shira which receives Shastra on the fourth part of the Shira, such shira is called
बाहुशोष में किस स्थान में सिरावेध करना चाहिए
Sirāvedha in Bāhu Shosha is done at
सुश्रुतानुसार रक्तनिर्हरण का प्रमाण क्या है
Pramāna of Rakta Nirharana according to Sushruta is
“यथा कुसुम्भपुष्पेभ्य: पूर्वं स्त्रवति पीतिका।” यह सन्दर्भ किसके लिए आया है
“Yathā kusumbhapushpebhayah purvam sravati pītikā” this is in the context of
शुक्रव्यापद रोगों में किस प्रदेश में सिरा का वेधन करना चाहिये
Where is Sirā vedha done in Shukra Vyāpada roga
हेमन्त ऋतू में वेधन काल है
Vedhana Kāla in hemanta ritu
सिरावेध निषिद्ध है
Sirāvedha is contraindicated in
वातकंटक रोग में सिराव्यधन कहाँ करते है
Sirā vyadhana in vāta kantaka roga is done in
सुश्रुतानुसार सिरायें कितनी होती हैं
Total number of Sirā according to Sushruta
अनवस्थित शिराओं का वेध होने पर शिरायें क्या कहलाती हैं
What are the shira called when there is Vedha of Anavasthita Shirā
हनुसन्धि के मध्य स्थित सिरा का वेधन किया जाता है
Vedhana of Sirā located in mid of Hanu Sandhi is done in
उर्ध्वजत्रुगत वातवाहिनी शिराओं की संख्या होती है?
UrdhavaJatrugata Vāta Vāhinī Shirā are
अवगाढे ……
Avagādhe……..
सुश्रुत के अनुसार सिरावेध से पूर्व देय है
According to Sushruta what is given before Sirā vedha
वक्षस्थल में कितनी शिरायें होती है
Total number of Shirā in VakshaSthala
गंध ग्रहण नाश में सिरावेध का स्थान क्या है
Sirā vedha in Gandha Grahana Nāsha