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क्षार,अग्नि विष व्याप्त व्रणों का ….कर्म नही करना चाहिये
What karma should not be done for wounds with Kshāra, Agni and Visha
“अस्थिपूर्णताSस्थितोद: संहर्षो बलवांश्च” किस स्थानगत शल्य का लक्षण है ?
“Asthipūrnatā Asthitodah samharsho balvāmshcha” is symptom of which sthāna gata shalya
अनवबद्ध शल्य को निकालने का उपाय नहीं है –
Which of the following is not a way to extract avabaddha shalya
किस विद्रधि को छोड़कर शेष सभी विद्रधियां विस्रावय होती हैं
Except which Vidradhi rest all vidridhi are Visrāvya
शरशल्य के भेद है –
Types of SharaShalya are
मांसगत शल्य को किससे निकालते है
Māmsagata shalya is extracted by
सुश्रुत अनुसार किस व्याधि में विस्रावण करना चाहिए
According to Sushruta Visrāvana should be done in which disease
“विवर्ण: शोफो भवत्यायतः कठिनश्च” किस स्थानगत शल्य का लक्षण है ?
“Vivarnah shopho bhavatyāyatah kathinashcha” is the symptom of which sthāna gata shalya
समीपस्थ शल्य का निर्हरण किस मार्ग से करते है ?
Nearest shalya is extracted from which track
तुण्डिकेरी की चिकित्सा क्या है
Treatment of tundikeri is
“विविधवेदनाप्रादुर्भाव” किस स्थानगत शल्य का लक्षण है ।
“VividhaVedanāPrādurbhāva” is the symptom of which sthāna gata shalya
केशोण्डुक का प्रयोग करना चाहिए
Keshonduka should be used in
मर्म,वृषण और उदर के सीवन कर्म के लिए प्रयुक्त सूची है
Sūchī for sīvana karma of marma, vrishna and udara is
कौन से शल्य शरीर में द्रुत होकर नष्ट नही होते हैं
Which shalya does not get dissolved in body
कुक्षि,कक्षा,वक्ष स्थित शल्य को निकालने का मार्ग है
From which track shalya from kukshi, Kakshā and vaksha should be extracted
निम्न मे आहार्य व्याधि है
Āhārya vyādhi among the following is
कौन से शल्य शरीर में अधिक समय तक रहने पर भी द्रुत होकर नष्ट नही होते हैं
Whichever shalya does not get dissolved in body even after staying for longer period of time
व्रण व् आशय में प्रविष्ट शल्यो को किस विधि से निकालना चाहिए
Shalya is vrana and āshaya should be extracted by
जतुमणि है
Jatumani is
आचार्य सुश्रुत के अनुसार धमनीगत शल्य का लक्षण क्या है ?
what is the Sign of Dhamanigat shalya according to Acharya Sushrut ?
पराचीन शल्य को निकालने का मार्ग क्या है
Correct direction to extract Parāchīna Shalya is
मांसोदकाभ रुधिर’ किसका लक्षण है
“Māmsodakābha rudhira” is the symptom of
शल्यमार्गानुपसंरोह’ किस स्थानगत शल्य का लक्षण है
“ShalyaMārgānuparamroha” is symptom of which sthāna gata shalya
निम्न में से किस स्थान गत शल्य को प्रतिलोम निकालना चाहिए
Which of the following sthāna gata shalya should be extracted inversely(pratiloma)
अष्टविध शस्त्रकर्म की कितनी व्यपत्तियाँ होती है ?
How many are the Vyāpatti of AshtaViddha Shastra karma
प्रायश: क्षुद्र रोग होते है
Kshudra roga are
शल्य की गतियाँ कितनी होती है
How many are the shalya gati
“पर्वसु भेदशोफौ” किसका विद्ध लक्षण है ?
“Parvasu bhedashophau”-is viddha lakshana of
व्रण सीवन के भेद है
Types of Vrana Sīvana are
पक्वाशयगत शल्यो को किस विधि द्वारा निकालना चाहिए ?
Pakvāshayagata shalya should be extracted by
“चिराद् व्रण रोहति” किसका विद्ध लक्षण है ?
“Chirāda vrana rohati” is viddha lakshana of
मांसल स्थान में प्रयुक्त सूची का प्रमाण कितना होना चाहिए
Pramāna of sūchī that us used for Māmsala Sthāna
सुश्रुत अनुसार अस्थिविवरगत शल्य को निकालने हेतु कौनसा बंध बाँधने का निर्देश है ?
For removal of Asthivivaragata shalya which bandage should be tied according to Sushruta
प्रायः सभी प्रकार की वृद्धि, विदारिका एवं प्रमेहपीड़िका में कौनसा कर्म निर्दिष्ट है ?
Which karma is advised in vriddhi, vidārikā and prameha pidikā
निम्न में से छेदन कर्म किस व्याधि में करते हैं
Chedana karma should be done in which disease among the following
दुर्बल वारंग को किस तरह निकालने का निर्देश है ?
How should durbala vāramga be extracted
तुण्डिकेरी में कौन सी शस्त्र चिकित्सा सुश्रुत संहिता में चिकित्सार्थ निर्दिष्ट है ?
Which shastra chikitsā is advised for tundikerī in Sushruta Samhitā
उन्मार्गी व्रणों में करते है
What should be done in Unmārgī vrana
शोथ में फँसे हुए शल्य को किस तरह निकालना चाहिए ?
Shalya lying in the swelled area(shotha) should be extracted by
सन्धि प्रदेश में सीवन के लिए प्रयुक्त सूची का प्रमाण कितना होना चाहिए
What should be Pramāna of Sūchī for Sīvana at Sandhi pradesh
घोरा रुजो यस्य निशादिनेषु’ किसके विद्ध का लक्षण है
“Ghora rujo yasya nishādineshu” is the symptom of viddha in
शल्य निकालते समय मूर्च्छित हुए व्यक्ति की क्या चिकित्सा करनी चाहिए ?
If a patient faints while extracting shalya then what treatment should be done
लेखन कर्म योग्य रोग है
Which disease is lekhana karma yogya
आटोप एवं आनाह किस स्थानगत शल्य का लक्षण है ?
Ātopa and Ānāha are symptoms of which sthāna gata shalya
“बाहुरज्जुलतापाशै: कंठपीडनात्” की चिकित्सा क्या है?
What is the treatment of “Bāhurajjulatāpāshaih kanthapīdanāt” ?
तालुपुप्पुट है
Tālu Upaplūta is
“संरम्भश्चोग्रा रुक् च |” किस स्थानगत शल्य का लक्षण है ?
“Samrambhashchogrā ruka cha” is symptom of which sthāna gata shalya
वात,मूत्र,गर्भ के रुके हुये शल्य को निकालना चाहिए
Stagnated Vāta, mūtra and garbha shalya should be extracted by