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पापजन्य शिर शूल कौन सा है
Which one is the pāpajanya shira shūla?
मधुमेह की उपेक्षा करने से क्या उत्पन्न होता है
Negligence of madhumeha leads to
निम्न मे से क्षय का क्या निदान है ?
Which of the following is the cause of Kshaya ?
भोजन के पच जाने पर “वेदना का अधिक बढ़ना” किस हृदय रोग का लक्षण है
Increase in the pain after digestion of food is the symptom of which hridaya roga?
प्राकृतस्तु बलं ……
Prākritastu balam….
” यच्छुद्धं रक्तमीषत्सपीतकम् ” – यह किस सन्दर्भ मे कहा गया है ?
“Yachchhudram Raktamishatspītakam” is in the reference of
“दुश्छायो दुर्मना रुक्ष” किस क्षय का लक्षण है
“Dushachāyo durmanā ruksha “ is symptom of which kshaya?
पृष्ठ या उदर में पायी जाने वाली नील वर्ण की पिडिका का नाम है
Blue coloured Pīdikā that appears on back(prishtha) and abdomen(udara) is called
“शून्यानि च लघूनि । विशुष्काणि च …।। ” – यह किस सन्दर्भ मे कहा गया है ?
Shūnyāni cha Laghuni| Vishushkāni cha……|| Is the reference of
कण्डराभा किस प्रमेह पिडिका का लक्षण है
Kandarābhā is symptom of which prameha pīdikā?
स्निग्धस्त्रावा महाशया किस प्रमेह पिडिका का लक्षण है
Snigdhasrāvā mahāshayā is the symptom of which prameha pīdikā?
मर्माण्यतिनिपीडयन् । प्रणाशयति संज्ञांं च वेपयत्यथवा नरम् ।। – यह दोषों की किस अवस्था का लक्षण है ?
“Marmānyatinipīdayan| Pranāshyati Samjnān Cha Vepayatyathavā Naram||” is the symptoms of ystage of Doshas
पित्त प्रधान पिड़काएं कौन सी हैं
Which of the following is pitta pradhāna pīdikā?
प्रततं वातरोगिणी लक्षण है
Pratatama vātaroginī is the symptom of
आचार्य चरक ने किस दोष की विकृति को “पाप” कहा हैं ?
Vikriti of which dosha is called “Pāpa “ by āchārya Charaka
“सुदारुणम्” कौन सा हृदय रोग है
“Sudarunama” is which type of hridayaroga?
घट्टते सहते शब्दम् ….लक्षण है?
“Ghattate sahate shabdama…. is the symptom of
“तैरावृतगतिर्वायुरोज आदाय गच्छति | यदा बस्ति ……. मधुमेह: प्रवर्तते ||” ( च. सु. 17 )
“Tairāvritagatirvāyuroja ādāya gachchati. Yadā basti…….. madhumehah pravartate”
“निस्तुद्येते भृशं शंखौ घाटा संभिद्यते तथा” किस शिरोरोग का लक्षण है
“Nistudhyete bhrishama shamkhau ghāta sambhidhyate tathā” is symptom of which shiroroga?
जिन मनुष्य की अस्थियाँ दुर्बल एवं लघु हो जाती है वे वातिक विकारो से पीड़ित रहते है। वह कौन से धातु के क्षय के कारण होते है ?
The individuals whose bones become weak and light, they suffer from Vātīka disease, is due to depletion of which of the following Dhātu ?
संधिनां स्फुटनं’ किसका लक्षण है
“Samdhināma sphutanama” is the symptom of
“अन्तोन्नता मध्यनिम्ना” किस पीड़का का लक्षण है
“AnitaOnnata MadhyaNimnā” is the symptom of which pīdikā?
” नित्यं संनिहितामित्रं समीक्ष्यात्मानमात्मवान् । “- इस श्लोक का रेफरेन्स बताएं ?
“Niyam samnihitāmitramsamikshyātmānamātmavāna” find the correct reference of this shaloka
कियन्त शिरसीय अध्याय में अनघ शब्द किस आचार्य के लिए आया है
In “kiyantashirasīya adhyāya”the word “Anagha” has been used for which āchārya?
भ्रमरै: फलपुष्पेभ्यो यथा संभ्रियते मधु’ किसके लिए कहा गया है
“Bhramaraih phalapushpebhyo yatha sammriyate madhu “ has been said for
किस दोष से युक्त पिडिकाएं साध्य होती है ?
Which dosha yukta pīdikā are sādhya
निम्न जलसेवन शिरोरोग का सामान्य निदान है
Which type of water intake is the cause of shiroroga?
चरकोक्त हृदयगत अन्तर्विद्रधि का लक्षण है
Symptom of internal abscess of heart according to charaka is
विद्र्धि की चिकित्सा किसके समान करनी चाहिए ?
Vidradhi should be treated like which of the following
कौन सी प्रमेह पिडिका चरक ने वर्णित नही की है
Which of the following prameha pīdikā is not explained by charaka?
कियन्त:शिरसीय अध्याय में “कियन्त: शिरसीय” का क्या अर्थ है
What does kiyantah shirasīya mean in kiyantah shirasīya adhyāya?
” दुर्गंध गत मल का त्याग ” – किस स्थान गत विद्र्धि का लक्षण है ?
“Bad smell feaces” is the symptom of which Vidradhī
शिरोरोग का भेद नही है
Which of the following is not a type of shiroroga?
“रुजानिस्तोदबहुला सूक्ष्मच्छिद्रा” है
“RujaNistodaBahula Sukshamachchidrā” is
” सक्थिसादः ” – किस स्थान गत विद्र्धि का लक्षण है ?
“Sakthisāda”is the lakshana of which Vidradhī
किस पिड़का में विशेष रूप से दाह होता है
In which pīdikā is dāha found?
आचार्य चरक के अनुसार सन्धि शैथिल्य लक्षण है –
Sandhi shaithilaya is symptom of according to Āchārya Charaka –
“अवगाढरुजाक्लेदा पृष्ठे वाSप्युदरेSपि वा” निम्न में से किस प्रमेह पिडिका का लक्षण है
“AvagādhaRujaKledā prishthe vāapyaudareapi vā” is the symptom of which prameha pīdikā?
” तिलमाषकुलत्थोदसन्निभं ” – यह किसका स्त्राव है ?
“Tilamāshakulatthodsannibham” is the secretion of
चरक अनुसार शिरोरोग के प्रकार हैं-
Types of Shiroroga by Charaka
“वृश्चिकैरिव दश्यते” किसका लक्षण है
“Vrishchikairaiva dashyate” is the symptom of
” व्यधच्छेदभ्रमानाहशब्दस्फुरणसर्पणैः ” – यह किस विद्रधि का लक्षण है ?
“Vyathachchhedabhramānāhashabdasphuranasarpanaih” is the lakshana of which Vidradhī
चरक अनुसार क्षय के प्रकार है –
Types of Kshaya according to Charaka are –
“…कष्टद: कष्टसाध्य उक्त्तो” किसके लिए कहा गया है
“…….. kashyadah kashtasādhya ukato “ has been said for
” दुःखात्दहत्यग्निरिव ” – किस पिडिका के विषय में आया है ?
“Dukhātdahatyagniriv” is in the reference of which Pidikā ?
“मुखशोषश्च पाण्डुत्वं सदनं श्रम्:” किस धातु क्षय का लक्षण है
“Mukhashoshashch pāndutavam Sadaram shramah “ is the symptom of which dhātu kshaya?
दोषों के विकल्प भेद से कितने रोग होते हैं
How many types of diseases are there according to vikalpa bheda?
” श्यावा क्लेदरुगन्विता ” – यह किस प्रमेह पिडिका का लक्षण है ?
“Shyāva kledarugānvitā” is the lakshana of which Pramehapidikā