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निम्न मे से कौन सा योग गलत है ?
Which of the following pair is incorrect?
चरक अनुसार अर्श के भेद है
Types of Arsha as per charaka?
रोगों का एक प्रकार किसके सामान्य से होता है
One type of disease due to a common factor is
चरक के अनुसार निम्न मेंं से अतिसार का भेद कौन सा है ?
Which of the following is the type of Atisaar?
चरकानुसार सामान्यज रोगों की कुल संख्या कितनी है
According to charaka, total number of Sāmānyaja roga is
पर्व किस दोष का अधिष्ठान है
Parva is adhishthāna of which dosha
अग्नि , कर्दम और ग्रन्थि – किसके भेद है ?
Agni,Kardam and Granthi are the types of which of the following?
निम्न में से “एकोमहागद” किस व्याधि के लिए कहा गया है
Which of the following disease is called “Ekomahāgadā?
चरकानुसार सामान्यज रोग संख्या –
Numbers of Samanyaj Roga according to Charak?
” यदृच्छा सिद्धि ” – का वर्णन चरक मे किस अध्याय में आता है ?
“Yadruchchhā Siddhi” is described in which Chapter of Charaka
निम्न में से एक भेद वाला रोग है
Disease with one type
” यस्तु रोगमविज्ञाय कर्माण्यारभवे । अप्यौषधविधानज्ञस्तस्य ……।। ” – यह किस विषय में कहा गया है ?
“Yastu Rogamvijnāya karmānyārabhave | Apyaushadavidhānajnastasya………..||” Is said in the reference of
स्वभावोपरमवाद का विशद वर्णन मिलता है
The detailed description of svabhāvoparamavāda is found in
चरकोक्त अष्टोदरीय अध्याय में दोष व् रोग के समवाय सम्बन्ध के लिए किसका उदाहरण दिया है
In Ashtoudariya Adhyay of Charak Samhita, Which of the following is used as an example for explaining the relation of Dosha and Roga Samvaya?
कुपित कफ की चिकित्सा में किन रसों का सेवन किया जाता है ?
Which rasa sevana is indicated in the treatment of Kupita Kapha
निम्न मे से कौन सी पिडिका “दु:सहा” मानी गई है ?
Which of the following pīdikā is considered as “duh sahā” ?
चरक अनुसार सामान्यज विकारों की संख्या
Types of sāmānyaja vikāra according to charaka
निम्न मे से कौन सा कफ नानात्मज विकार नही है ?
Which of the following is not the kaphaja Nānātmaja disease
विद्र्धि को किसके समान भयंकर समझ कर उसकी चिकित्सा करनी चाहिए ?
In extreme case Vidradhī should be treated with as
चरक संहिता अनुसार मूर्च्छा के भेद
Types of mūrchā in charaka samhita
” विरेचनं तु सर्वोपक्रमेभ्यःपित्ते प्रधानतम् मन यन्ते ” – यह किस विषय मे आया है ?
“Virechana Tu Sarvopkramebhyah Pitte Pradhāntam Mana Yante” is in the context of
पृष्ठ ,कटि ग्रह – किस स्थान गत विद्र्धि का लक्षण है ?
Prushtha, Katigraha is the symptoms of which sthāna gata Vidradhī ?
चरक संहिता में 6 भेद वाले कितने रोग बताये है
Diseases with 6 types in charaka samhita are
” नतिस्नेहो वर्णश्र्च शुक्लारूणवर्जो ” – यह किस सन्दर्भ मे आया है ?
“Nātisneho Varnascha Shuklārunavarjo” is in the context of
” उच्छवास की रुकावट ” – किस स्थानगत विद्र्धि का लक्ष्ण है ?
“Obstruction in Uchchraswāsha” is the symptoms of which sthāna gata Vidradhī
चरकानुसार निम्न में से सात भेदों वाला रोग है
Which disease has 7 types according to charaka?
” घ्राण नाश “- कौन सा नानात्मज विकार है ?
“Ghrānanāsha” is the Nānātmaja disease of which Dosha
” तुद्यमानं स हृदयं सूचीभिरिव मन्यते ” – यह किस हृदय रोग का लक्षण है ?
“Tudhyamānam sa hridayam sūchībhiriva manyate” this is symptom of which hridaya roga
निम्न में से पांच भेद वाला रोग नही है। चरक
Which of the following disease doesn’t have 5 types?(charaka)
” यथा वनस्पतेर्मूले छिन्ने स्कन्धशाखाप्ररोहकुसुमफलपलाशादीनां नियतो विनाश स्तद्वत ” – यह किस सन्दर्भ मे कहा गया है ?
“Yathā Vanaspatemūle Chhine Skandhashākhāprarohakusumphalaplāshādinām Niyato Vināsha Stadvata” is in the context of
” त्रिदोषजे तु हृद्रोगे यो दुरात्मा निषेवते ” – यह किस हरोग का निदान है ?
“Tridoshaje tu hridroge yo durātmā nishevate” this is nidāna of which hridaya roga
अष्टोदारीय अध्याय अनुसार मुखरोग के भेद
Types of Mukharoga in ashtodariya adhyāya
” श्यावारूणावभासता ” – किस दोष का नानात्मज विकार है ?
“Shyāvārunābhāsatā” is the Nānātmaja disease of which Dosha
” तन्द्रारूचिपरीतस्य भवत्यश्मावृतं यथा ” – यह किस व्याधि का लक्ष्ण है ?
“TandrĀrichiparitasya bhavatyashmāvritam yathā” this is symptom of which vyādhi
केशाद है
Keshāda is
” भ्रम ” , ” वेपथु”- किस दोष के नानात्मज विकार है ?
“Bhrama and Vepathu” are the Nānātmaja disease of which dosha
” धातु गति समाः । समो मोक्षो गतिमतां ….।।” – यह किस सन्दर्भ मे आया है ?
” Dhātu gati samāh , samo moksho gatimatām ………” – this is in context to ?
एक प्रकार के रोग कौन से हैं
Which ones are of one type?
” केशभूमिस्फुटन ” – किस दोष का नानात्मज विकार है ?
“Keshabhūmisphutana” is the Nānātmaja disease of which Dosha
दोषों के प्राकृत कर्म चरक मे किस अध्याय मे वर्णित है ?
Prākruta karma of doshas are mentioned in which chapter of Charaka ?
निम्न में से 8 भेद वाला रोग नही है
Which of the following disease does not have 8 types?
यस्य श्लेष्मा प्रकुपित: ……… व्यवतिष्ठते। – गलशुण्डि का यह श्लोक पूरा करें
Yasya shleshma prakupitah…..vyavatishthate. Complete the stanza for galashumdikā
” कृच्छोत्थानप्रशमो भवति ” – यह किस विषय में आया है ?
“Krucchotthānaprashamo bhavati” is in context to ?
चरकानुसार प्लीहा विकार कितने होते हैं
Types of plīha vikāra according to charaka are
निम्न में से पित्त नानात्मज विकार है
Which one is a pitta nānātamaja vikāra